झारखण्ड राज्य सुन्दर जंगलो से घिरा है , यहाँ प्रकृति का अद्भुत नज़ारे देखने को मिलते है। इस राज्य का नाम भी इन्ही वनों पर रखा गया है, झारखण्ड का अर्थ है – झार ( वनों ) का खंड (स्थान) । सभी को लगता है झारखंड राज्य में कोई दार्शनिक जगह नहीं है , आज मै आपको झारखण्ड राज्य के कुछ खूबसूरत स्थानों के बारे में बताती हूँ , जहाँ आप अपने छुटियों में अपने दोस्तों या परिवार वालों के साथ घूमने जा सकते है। इन स्थानों का खूबसूरती आपका मन को मोह लेगी ये सरे स्थान इतने खूबसूरत है की आपको दोबारा आने के मजबूर कर देगी। आप एक बार इन जगहों का भ्रमण (Places to visit in Jharkhand) जरूर किजिए। चलिए आपको इन जगहों से रूबरू करवाते है।
1 . मैक्लुस्कीगंज
यह शहर अर्नेस्ट टिमोथी मैक्लुस्की द्वारा बसाया गया है। इस शहर को मिनी लंदन भी कहा गया है।
यह शहर झारखण्ड के राजधानी रांची से 64 km की दुर है। मैक्लुस्कीगंज में आपको अभी भी औपनिवेशिक गाँवों का अनुभव मिलेगा। आप यहाँ एंग्लो – इंडियन स्ट्रक्चर के इमारतों को देख सकते है। यहाँ की खूबसूरत वादियां , पहड़ियाँ , नदियाँ आपका मन को मोहित क्र लेगी। मैक्लुस्कीगंज ब्रिटिश युग के पुरानी हवेलियों के लिए जाना जाता है। (Places to visit in Jharkhand in summer)
अवस्थिति –
राँची से लगभग 65 किलोमीटर दूर खेलारी ब्लॉक में है।
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पर्यटन स्थल :-
मैक्लुस्कीगंज में गुरुद्वारा और मंदिर के आँगन में तथा मस्जिद और चर्च इसके तुरंत बगल में है , ये विशेष जगह भारत के विभिन्नता में एकता को दिखता है।
अन्य महत्वपूर्ण स्थान
सेंट जॉन चर्च
झुंझुनिया झरना
डुगाडुगी नदी
पहुंचने का साधन :- यहाँ एक रेलवे स्टेशन है जिससे आप यहाँ आ सकते हो ,लेकिन इस स्टेशन में एक ट्रैन शक्तिपुंज एक्सप्रेस चलती है जो हावड़ा से मैक्लुस्किगंज चलती है। इसके अलावा आप राँची से बस या टैक्सी या अपने निजी वाहन से जा सकते हो। रांची से मैक्लुस्कीगंज पहुंचने में लगभग 2.5 घंटे लगते है और सड़क के अगल बगल का खूबसूरत नज़ारे का आनंद ले सकते है।
ठहरने का जगह :-
इस एंग्लो -इंडियन गाँव में ठहरने का उत्तम व्यवस्था किया गया है यहाँ एक गेस्ट हाउस भी है जो टेस्टी भोजन देते है और सारी जरूरत की सुविधाएं उपलब्ध करवाती है।
2 . नेतरहाट
नेतरहाट को छोटानागपुर की रानी भी कहा जाता है। नेतरहाट छोटा नागपुर की पहाड़ियों का सबसे उच्च बिंदु भी है। यह झारखण्ड राज्य के लातेहार जिले में है। नेतरहाट प्रकृति की सौंदर्य से घिरा हुआ बहुत ही खूबसूरत जगह है। नेतरहाट अपने सनराइज और सनसेट के लिए प्रसिद्ध है। अगर आपको हिल स्टेशन जाने का मन कर रहा है तो एक बार नेतरहाट जरूर आये। यह झारखण्ड राज्य के राजधानी राँची से 144 किलोमीटर की दूरी पर है।
पहुंचने का साधन :-
आप नेतरहाट फ्लाइट , ट्रैन या रोडवे से जा सकते है। नेतरहाट से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन राँची है। रांची से आप बस या टैक्सी या निजी वहान से जा सकते है। राँची से नेतरहाट के लिए रोजाना बस चलता है ,आप सड़क के किनारे के खूबसूरत नज़ारे का आंनद लेते हुए पहुंचे।
पर्यटन स्थान :-
मंगोलिया पॉइंट – नेतरहाट से 10 km दूर पहड़ो से घिरा हुआ बेहद सुन्दर जगह है , आप यहाँ से डलते हुए सूरज और खूबसूरत पहाड़ो को देख सकते है।
घाघरी वाटरफॉल :- घाघरी जलप्रपात में दो झरने है ,ऊपरी घाघरी झरना और निचली घाघरी झरना। दोनों ही जलप्रपात बहुत ही आकर्षक है। निचली घाघरी जलप्रपात नेतरहाट से 10km की दुरी पर है तथा ऊपरी घाघरी जलप्रपात 4km पर है। ये झरने जंगलो से घिरा हुआ है और यहाँ भीड़ कम रहती है तो आप यहाँ आराम से शांति प्रकृति सुंदरता का आनंद ले सकते हो। आप यहाँ अपने दोस्तों परिवार वालों के साथ पिकनिक पर भी जा सकते हो।
लोध जलप्रपात :- लोध जलप्रपात नेतरहाट से 68 km की दुरी पर है , यह जलप्रपात इस हिल स्टेशन की खूबसूरती को बढ़ा देती है। लोध वाटरफॉल ली उचाई 468 फ़ीट है ,यह झारखण्ड का सबसे ऊंचा वाटरफॉल है।
बदका डैम :- सनसेट पॉइंट के रास्ते में ही ये डैम है , इस जगह का पता बहुत कम कोई को है कोई लोकल ही बता सकता है। यह जगह बहुत ही सुन्दर है यहाँ आपको कुछ पल ठहरने का मन करेगा ,लेकिन यहाँ थोड़ा सावधानी रखे क्युकी इसके किनारो पर जेहरीले सांप भी मिल सकते है।
सुगा बांध जलप्रपात :
जंगलों में ट्रेक :– नेतरहाट के पहाड़ सुन्दर चीड़ के जंगलों से घिरा हुआ है ,अगर आप एडवेंचर के शौकीन है तो तो आप इन जंगलों में ट्रेकिंग भी कर सकते है। पहाड़ो की उचाई से इसकी सुन्दरता को निहारें।
3. पारसनाथ हिल
पारसनाथ हिल झारखण्ड के गिरिडीह जिला में है। इसकी उचाई समुंद्री तल से 1350 मीटर है। पारसनाथ को सम्मेद शिखर के नाम से भी जाना जाता है , जैनों का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। यहाँ की हरियाली से भरी प्रकृति के नज़ारे आपका मन मोह लेगी। पारसनाथ की पहाड़ी सुन्दर वनो से परिपूर्ण है पहाड़ी के तलहटी में 22 मंदिर है जो 22 अलग अलग तीर्थंकर को समर्पित है। जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों यहाँ समाधि ली है। इस पहाड़ी में चढ़ने और उतरने में लगभग 4 घंटे लगते है,लेकिन जब आप इसके शिखर पर होते हो तो वहाँ से दृश्य इतना खूबसूरत होती है की आपका परिश्रम सफल हो जायेगा। यह बहुत ही पवित्र स्थान है इसलिए जब आप यहाँ जाते हो तो आप नियमों का पालन करे और पाबंदित वस्तुओं का प्रयोग न करें।
पहुंचने का साधन :-
पारसनाथ झारखण्ड की राजधानी रांची से 168 किलोमीटर दूर है।
पारसनाथ में एक रेलवे स्टेशन भी है जिसमे देश के कई शहरों से ट्रेन आती है। आप यहाँ रोडवेज से भी आ सकते हो कई बस आपको सीधा पारसनाथ पहुंचा देगी,आप अपने नीजी वाहन का उपयोग भी कर सकते है।
4 . टैगोर हिल
टैगोर हिल को मोरहाबादी हिल भी कहते है। यह झारखण्ड के राजधानी रांची के मोरहाबादी में है। यह हिल का प्रसिद्ध कवी रविंद्रनाथ टैगोर से गहरा नाता है , रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिन्द्रनाथ अपने पत्नी के मृत्यु के बाद यहाँ आकर बस गए थे उन्होंने यहाँ एक घर शान्तिधाम के नाम से बनाया तथा एक स्मारक ब्रह्म स्थल बनाये।
पहुंचने का साधन :-
टैगोर हिल रांची के एल्बर्ट एक्का चौक से 3 km दूर है आप रांची फ्लाइट ,ट्रैन और रोडवे सारे तरीके से पहुंच सकते हो।
5 . मैथन डैम
मैथन डैम एक सुंदरता से परिपूर्ण जंगलो से घिरा हुआ है। यह खुद ही एक झरना है। यहाँ माता कालेश्वरी का प्राचीन मंदिर है आप यहाँ इनका भी दर्शन कर सकते हो। मैथन डैम में आप बोटिंग (नौकायन ) कर सकते हो। यहाँ का सूर्यौदय और सूर्यास्त बहुत ही मनमोहित होती है अगर आप यहाँ जाएं तो इसका लुफ्त जरूर उठाइये। इस स्थान पे आपको शांति का अनुभूति होगी। इस डैम में अंडरग्राउंड पावर स्टेशन भी है। यहाँ डैम बरकार नदी पर बना है।
पहुंचने का माध्यम :-
मैथन डैम झारखण्ड के धनबाद जिले में है। यह डैम धनबाद शहर से 48 किलोमीटर की दुरी पर है आप धनबाद तक ट्रैन या बस से जा सकते हो उसके बाद आप भाड़े के किसी वाहन या निजी वाहन का उपयोग कर सकते हो।