what to do in case of accident india

गाड़ी की एक्सीडेंट हो जाने पर यह 5 काम जरुर करें, नहीं तो पड़ेगा पछताना।| what to do in case of accident in india

(Case of Accident) सड़क दुर्घटना होना कोई बड़ी बात नहीं है, दुर्घटना की संभावना को आप कम जरूर कर सकते है परन्तु पूरी तरह से रोक नहीं सकते। सड़क दुर्घटना के परिस्थिति इस तरह की होती है कि कोई भी आम व्यक्ति घबरा जाता है। तो ऐसी सिचुएशन पर आप क्या करें कि दुर्घटना की नुकसान को कम किया जा सकें। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप सड़क दुर्घटना की आर्थिक नुकसान एवं क़ानूनी पेचीदगियों से बच सकते है।

सड़क दुर्घटना होने जाने के बाद क्या करें (what to do in case of accident india)

सड़क दुर्घटना (case of accident) हो जाने के बाद कुछ आवश्यक दस्तावेज (Documents) आपके पास होने चाहिए एवं त्वरित निर्णय (Instant Actions) जो आपको लेने हैं, जो निचे बताये गए है।

वैध ड्राइविंग लाइसेंस

ऐसी परिस्थिति में आप ध्यान रखें की आपके गाड़ी चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो और यदि आप खुद चला रहे है तो आपके पास होना चाहिए। यदि आपके पास लाइसेंस है किसी तरह के क़ानूनी अरचंड में आपको मदद मिलेगी।

आप अपनी गाड़ी का हमेशा इन्सुरेंस करवा कर रखें क्योंकि आपकी गलती (mistake) के कारण एक्सीडेंट(case of accident) हो जाता है तो आपकी इन्सुरेंस कंपनी दूसरे गाड़ी वाले की नुकसान की भरपाई कर देगी। दूसरी परिस्थिति में अगर एक्सीडेंट सामने वाले की गलती से होती है और वो आपसे सेटलमेंट करती है तो यह करने के साथ आप आपकी गाड़ी की नुकसान इन्सुरेंस कंपनी से क्लैम कर गाड़ी को बनवा सकते है। इन्सुरेंस क्लेम लेने के लिए आपको यह ध्यान रखने की जरूरत है कि आप अपनी इन्सुरेंस कंपनी को 24 घंटे के अंदर जानकारी दे दे। (आप इसके लिए इन्सुरेंस कंपनी के एजेंट को फ़ोन कॉल से एक्सीडेंट की जानकारी देकर, गाड़ी की एक्सीडेंट की फोटो को भेज कर)

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गाड़ी की रजिस्ट्रेशन नंबर( दस्तावेज)

जब भी आप कोई गाड़ी ख़रीदे उसे जरूर RTO मे रजिस्ट्रेशन करवा कर रखें क्योंकि जब कभी आपकी गाड़ी की एक्सीडेंट (case of accident) होती है क़ानूनी अरचंड से बचने में मदद करेगी। (बिना RTO मे रजिस्ट्रेशन के गाड़ी इस्तेमाल करना अपराध है )

पुलिस को एक्सीडेंट की जानकारी दें

आप पुलिस को एक्सीडेंट की जानकारी दे, यदि एक्सीडेंट सामने वाले के लापरवाही के वजह से हुई है तो आप पुलिस में FIR करवाए।
पुलिस आपकी रिपोर्ट IPC (अब Bharatiya Nyaya Sanhita) के सेक्शंन 279 जो तेज रफ़्तार से सबंधित है, सेक्शंन 337 जो किसी व्यक्ति द्वारा शारीरिक नुकशान पहुंचने से सबंधित है एवं सेक्शंन 338 जो गंभीर शारीरिक नुकसान से सबंधित है के आधार पर दर्ज करेगी। इस FIR से अतिरिक्त फायदा यह भी है कि आपकी गाड़ी की आसिडेंट हुई है, की सबूत तैयार हो जाएगी।

गाड़ी में कैमरा लगवाए

यदि आपके पास कार या फिर कोई चार पहिये वाली गाड़ी है तो आप इसमें आसानी से डैशकैमरा (Dash camera) लगवाए यह कैमरा आपकी गाड़ी जहाँ भी जाती है का रिकॉर्डिंग आकर लेती है। इससे एक्सीडेंट की परिस्थिति में किसकी गलती है का सबुत अपने आप तैयार हो जाता है। साथ ही डैशकैमरा के सबुत को आप इन्सुरेंस क्लेम में भी उपयोग में ले सकते है।एक्सीडेंट के सबुत को सुरक्षित करेंगाड़ी की एक्सीडेंट होने के बाद आपको एक्सीडेंट किसके साथ हुआ है का विवरण, फोटोग्राफी( दुर्घटना का फोटो एवं वीडियो को बनाना) और एक्सीडेंट के समय मौजूद लोगों का पता, मोबाइल नंबर आदि मांग ले। इससे किसी तरह क़ानूनी प्रक्रिया में आपको मदद मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

एक्सीडेंट की जगह से भागे नहीं

अक्सर देखा जाता जब कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो एक्सीडेंट वाला भागने के मौके में रहता है, ऐसा ना करें इससे आप पर क़ानूनी करवाई के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अगर एक्सीडेंट के बाद आपके जान को भीड़ द्वारा खतरा महसूस होता है जैसा की अक्सर हमारे देश में देखा जाता है
ऐसी परिस्थिति में आप नजदीकी पुलिस थाना में जाएं।

सारांश

सड़क दुर्घटना ज्यादातर किसी व्यक्ति द्वारा जानबूझ कर नहीं किया जाता है, ऐसे में गलती किसी की भी हो सयम बनाये। दुर्घटना में किसी को चोट आयी हो तो जल्द से जल्द नजदीकी हॉस्पिटल तक पहुचायें। आपकी गाड़ी या आपको नुकसान पहुचा हो तो कानून का सहारा ले बेवजह बहस न करें। गाड़ी चलाते समय सुरक्षा निर्देषो का पालन करें।

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