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Foxtail Millet Benefits in Hindi: खेती, पोषण लाभ और उपयोग के तरीके | Foxtail millet nutritional value per 100g

Foxtail Millet Benefits in Hindi: फॉक्सटेल मिलेट(Foxtail Millet), जिसे वैज्ञानिक नाम सेटेरिया इटालिका (एल.) ब्यूव से जाना जाता है, विश्व के प्राचीनतम बाजरों में से एक है। इसका उत्पादन लगभग 23 देशों, जिनमें एशिया, अफ्रीका और अमेरिका शामिल हैं, में किया जाता है। यह एक स्व-परागणक, कम अवधि में तैयार होने वाली, सी4 अनाज वाली फसल है, जो इंसानों के लिए पोषक आहार के रूप में, कुक्कुट और पिंजरे में बंद पक्षियों के लिए चारे के रूप में, और मवेशियों के लिए भी उपयोगी होती है।

विश्व भर में फॉक्सटेल मिलेट उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर है, और यह कई देशों के किसानों के लिए प्रमुख खाद्य स्रोत के रूप में कार्य करता है। खासकर दक्षिणी यूरोप, समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय एशिया में यह गरीब और सीमांत भूमि पर उगाया जाता है, जिससे लाखों लोगों को भोजन उपलब्ध होता है।

भारत में इसका उत्पादन मुख्यतः आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कुछ हद तक पूर्वोत्तर राज्यों में किया जाता है। इसे हिंदी में ‘कंगनी’ के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार की चारा घास होती है, जिसे मोटा अनाज भी कहा जाता है। इसका बीज छोटा और गोलाकार होता है, जो पीले रंग का और स्वाद में कभी मीठा और कभी कड़वा होता है। फॉक्सटेल मिलेट को स्थानीय भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे कि हिंदी में कंगनी, तमिल में तेनाई, तेलुगु में कोरालु, कन्नड़ में नवाने, और उड़िया में कंघू

Foxtail millet nutritional value per 100g
Energy331
Protein12.30 g
Carbohydrate60.9 g
Crude fiber14.0 mg
Calcium31 mg
Iron3.6 mg
Foxtail millet nutritional value per 100g

Foxtail Millet Benefits in Hindi

फॉक्सटेल मिलेट अपने पोषण गुणों के कारण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे मधुमेह के रोगियों के लिए यह उत्तम भोजन बनता है। नियमित सेवन से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है, और यह हृदय संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक हो सकता है। मिलेट के दानों में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह वजन घटाने में भी सहायक होता है, और यह पेट की समस्याओं को कम करने में मदद करता है। यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी आदर्श आहार है, क्योंकि इसे पचाना आसान होता है।

फॉक्सटेल मिलेट की खेती और उन्नत किस्में

फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail Millet) की खेती मुख्य रूप से खरीफ और रबी दोनों मौसमों में की जाती है। यह एक अल्पकालिक फसल है, जो सामान्यतः 70 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। इसके लिए आदर्श बुवाई का समय वर्षा आधारित खेती के लिए जून से अगस्त और सिंचाई आधारित खेती के लिए जनवरी होता है। बीज दर फसल की बुवाई के तरीके पर निर्भर करती है; लाइन में बुवाई के लिए 8-10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है, जबकि प्रसारण विधि में 15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता होती है।

कंगनी/फॉक्सटेल मिलेट की विभिन्न उन्नत किस्में भी विकसित की गई हैं, जो अलग-अलग राज्यों में लोकप्रिय हैं। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में SiA 3088, SiA 3156, और लेपाक्षी जैसी किस्में प्रचलित हैं, जबकि राजस्थान में प्रताप कंगनी 1, SR 51 और SR 11 जैसे किस्में उगाई जाती हैं। इन उन्नत किस्मों की विशेषता यह है कि यह कम अवधि में अधिक उत्पादन देने वाली होती हैं, और इनकी पोषण गुणवत्ता भी बेहतरीन होती है।

भूमि की तैयारी और खाद-उर्वरक की जरूरत

फॉक्सटेल मिलेट(Foxtail Millet) की खेती के लिए भूमि की अच्छी तैयारी आवश्यक होती है। बुवाई से लगभग एक महीने पहले खेत में गोबर की खाद या कम्पोस्ट 5-10 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिलाना चाहिए। इसके अलावा, फसल की उर्वरक जरूरतें पूरी करने के लिए 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस और 20 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से उर्वरक डालने की सिफारिश की जाती है। नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय और शेष आधी नाइट्रोजन बुवाई के 30 दिन बाद डालनी चाहिए। मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का उपयोग फसल की बेहतर पैदावार सुनिश्चित करने में मदद करता है।

सिंचाई और खरपतवार नियंत्रण

फॉक्सटेल मिलेट की फसल को सामान्यतः ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। खरीफ के मौसम में वर्षा आधारित फसल के रूप में इसे उगाया जाता है, और गर्मियों में सिंचित फसल के लिए इसे 2-5 बार पानी देने की आवश्यकता होती है, जो मिट्टी की गुणवत्ता और जलवायु पर निर्भर करता है। खरपतवार नियंत्रण के लिए 15-20 दिन के भीतर निराई आवश्यक होती है, जिससे फसल का बेहतर विकास होता है। निराई के बाद फसल को उर्वरक देने से इसका विकास और तेजी से होता है।

कटाई और उत्पादन

फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail Millet) की कटाई फसल की किस्म और बुवाई के समय पर निर्भर करती है। आमतौर पर बुवाई के 70-90 दिनों के बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। कटाई हाथ से या मशीन से की जा सकती है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में औसतन 20-25 क्विंटल अनाज और 30-40 क्विंटल भूसा प्राप्त किया जा सकता है, जो कि इसकी उपज का आदर्श मानक होता है।

फसल चक्र और रोग प्रबंधन

फॉक्सटेल मिलेट की खेती में फसल चक्र का भी विशेष महत्व है। इसके साथ दलहनी फसलों जैसे मूंग, सोयाबीन, या मूंगफली की खेती करने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। लगातार एक ही खेत में बाजरे की खेती करने से बचा जाना चाहिए, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है। रोग प्रबंधन के लिए फसल पर रोगों की पहचान कर उचित रसायनों का छिड़काव करना चाहिए। इससे फसल के उत्पादन में वृद्धि होती है।

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स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

फॉक्सटेल मिलेट(Foxtail Millet) का नियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। यह मधुमेह, हृदय रोग और पाचन समस्याओं के लिए विशेष रूप से अच्छा है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। साथ ही, यह वजन घटाने के लिए भी उपयुक्त आहार है।

फॉक्सटेल मिलेट का उपयोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में किया जाता है, जैसे कि दलिया, खिचड़ी, और रोटियां। यह साधारण चावल की तुलना में पोषक तत्वों से भरपूर होता है और स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी होता है।

निष्कर्ष

फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail Millet) न केवल एक महत्वपूर्ण अनाज फसल है, बल्कि यह पोषण से भरपूर और स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसकी खेती की विधि सरल और कम लागत में संभव है, जिससे यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए उपयुक्त है। विभिन्न देशों में इसका उत्पादन हो रहा है, और भारत में भी यह किसानों की प्रमुख फसल बन चुकी है।

महत्वपूर्ण प्रश्नावली 

प्रश्न 1: फॉक्सटेल मिलेट क्या है और इसका वैज्ञानिक नाम क्या है (what is foxtail millet in hindi)?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट(Foxtail Millet), जिसे वैज्ञानिक नाम सेटेरिया इटालिका (एल.) ब्यूव के नाम से जाना जाता है, एक प्राचीन अनाज है। यह एशिया, अफ्रीका और अमेरिका सहित लगभग 23 देशों में उगाया जाता है। यह एक स्व-परागणक और कम समय में तैयार होने वाली फसल है।

प्रश्न 2: फॉक्सटेल मिलेट का क्या उपयोग है (Foxtail millet in hindi uses)?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट का उपयोग मानव उपभोग के लिए भोजन के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, यह कुक्कुट और पिंजरे में बंद पक्षियों के लिए चारे के रूप में तथा मवेशियों के लिए भी उपयोगी होता है।

प्रश्न 3: फॉक्सटेल मिलेट की खेती किन क्षेत्रों में होती है?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट(Foxtail Millet) की खेती मुख्य रूप से भारत के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और कुछ हद तक पूर्वोत्तर राज्यों में होती है। यह दक्षिणी यूरोप और एशिया के उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में भी उगाया जाता है।

प्रश्न 4: भारत में फॉक्सटेल मिलेट(Foxtail Millet) को क्या कहा जाता है?

उत्तर: भारत में फॉक्सटेल मिलेट को हिंदी में “कंगनी” कहा जाता है। इसे स्थानीय भाषाओं में भी विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे तमिल में “तेनाई”, तेलुगु में “कोरालु”, और कन्नड़ में “नवाने”।

प्रश्न 5: फॉक्सटेल मिलेट के बीज कैसे होते हैं?

उत्तर: कंगनी / फॉक्सटेल मिलेट के बीज छोटे और गोल होते हैं। इनका रंग पीला होता है और इनका स्वाद कभी मीठा और कभी कड़वा होता है।

प्रश्न 6: फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail Millet) के सेवन से क्या स्वास्थ्य लाभ होते हैं?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट के सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, हृदय संबंधी समस्याओं को कम करता है, और शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ाता है। यह वजन घटाने और पेट की समस्याओं के लिए भी लाभकारी है। यह बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए आदर्श आहार है।

प्रश्न 7: फॉक्सटेल मिलेट की उन्नत किस्में कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट की कई उन्नत किस्में हैं, जो विभिन्न राज्यों में उगाई जाती हैं। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में SiA 3088, SiA 3156 और लेपाक्षी, जबकि राजस्थान में प्रताप कंगनी 1, SR 51 और SR 11 प्रमुख किस्में हैं। ये किस्में अधिक उत्पादन देती हैं और पोषण गुणवत्ता में भी श्रेष्ठ होती हैं।

प्रश्न 8: फॉक्सटेल मिलेट की खेती के लिए भूमि की तैयारी कैसे की जाती है?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट की खेती के लिए भूमि की अच्छी तैयारी की जाती है। बुवाई से लगभग एक महीने पहले गोबर की खाद या कम्पोस्ट 5-10 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिलाई जाती है। इसके साथ ही 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस और 20 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से उर्वरक डालने की सलाह दी जाती है।

प्रश्न 9: फॉक्सटेल मिलेट की फसल में सिंचाई कैसे की जाती है?

उत्तर: खरीफ के मौसम में फॉक्सटेल मिलेट की फसल को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती। यह वर्षा आधारित फसल होती है। गर्मियों में सिंचित फसल के लिए 2-5 बार पानी डालने की जरुरत है जो वहां की मिटटी की नमी एवं वातावरण को ध्यान में राख कर किया जाता है। 

प्रश्न 10: फॉक्सटेल मिलेट की फसल में खरपतवार नियंत्रण कैसे किया जाता है?

उत्तर: खरपतवार नियंत्रण के लिए फॉक्सटेल मिलेट की फसल में निराई की जाती है। निराई फसल बोने के 15-20 दिन बाद की जाती है, और दूसरी निराई 15 दिन के अंतराल पर की जा सकती है। इससे फसल का विकास अच्छा होता है।

प्रश्न 11: फॉक्सटेल मिलेट(Foxtail Millet) की फसल की कटाई कब की जाती है?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट की फसल की कटाई बुवाई के 70 से 90 दिनों के बाद की जाती है। कटाई हाथ से या मशीन से की जा सकती है।

प्रश्न 12: फॉक्सटेल मिलेट की उपज कितनी होती है?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट की एक हेक्टेयर में लगभग 20-25 क्विंटल अनाज और 30-40 क्विंटल भूसा प्राप्त किया जा सकता है, जो कि सामान्य उपज होती है।

प्रश्न 13: फॉक्सटेल मिलेट के फसल चक्र का क्या महत्व है?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट के फसल चक्र का महत्व है कि इसे दलहनी फसलों के साथ उगाने से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। मूंग, सोयाबीन, या मूंगफली जैसी फसलों के साथ इसका चक्रीकरण करने से अच्छी उपज मिलती है।

प्रश्न 14: फॉक्सटेल मिलेट के रोग प्रबंधन के लिए क्या किया जाना चाहिए?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट की फसल पर रोगों की पहचान कर उचित रसायनों का छिड़काव करना चाहिए। इससे फसल को रोगों से बचाया जा सकता है और बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 15: फॉक्सटेल मिलेट का उपयोग किन-किन खाद्य पदार्थों में किया जा सकता है (foxtail millet in hindi recipe)?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट का उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों में किया जा सकता है, जैसे दलिया, खिचड़ी, और रोटियां। यह पोषण से भरपूर होता है और साधारण चावल की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है।

प्रश्न 16: क्या फॉक्सटेल मिलेट का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है?

उत्तर: हां, फॉक्सटेल मिलेट का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए बहुत लाभकारी है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है।

प्रश्न 17: क्या फॉक्सटेल मिलेट वजन घटाने में सहायक है?

उत्तर: हां, फॉक्सटेल मिलेट वजन घटाने में सहायक होता है, क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में फाइबर और कम कैलोरी होती है।

प्रश्न 18: फॉक्सटेल मिलेट (Foxtail Millet) के अन्य क्या स्वास्थ्य लाभ हैं?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करती है। साथ ही, यह हृदय रोगों को कम करता है और पाचन को स्वस्थ रखता है।

प्रश्न 19: क्या फॉक्सटेल मिलेट बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए उपयुक्त है?

उत्तर: हां, फॉक्सटेल मिलेट बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत उपयुक्त है, क्योंकि यह आसानी से पचने वाला और पोषण से भरपूर होता है।

प्रश्न 20: फॉक्सटेल मिलेट की खेती किन कारणों से किसानों के लिए लाभकारी है?

उत्तर: फॉक्सटेल मिलेट की खेती सरल और कम लागत में की जा सकती है। यह छोटे और सीमांत किसानों के लिए उपयुक्त फसल है, जो कम समय में अच्छी उपज देती है और कई पोषण गुणों से युक्त होती है।

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